
जलगांव | 27 जून 2025
राज्य के मंत्री गोपीचंद पडळकर द्वारा ख्रिस्ती धर्मगुरुओं और धर्मव्यवस्था को लेकर दिए गए आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान ने महाराष्ट्र की सामाजिक एकता पर सीधा आघात किया है। उनके बयान के खिलाफ आज जलगांव में सर्वधर्मीय नेताओं ने मोर्चा खोलते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया।
‘धर्म का अपमान करने वाले मंत्री को पद पर रहने का हक नहीं’ – विरोधियों की दो टूक
पडळकर के बयान को समाज को बांटने की साजिश बताते हुए ख्रिस्ती समाज के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा कि “कोई भी मंत्री अगर धर्मगुरुओं के खिलाफ जहर उगलेगा, तो उसे जनता बख्शेगी नहीं।”
आज जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हुए शांतिपूर्ण आंदोलन के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मंत्री की तत्काल गिरफ्तारी और मंत्रिमंडल से निष्कासन की मांग की गई।

मुस्लिम समाज भी साथ आया मैदान में
इस विरोध में सिर्फ ख्रिस्ती समाज ही नहीं, बल्कि मुस्लिम समाज के प्रमुख सामाजिक संगठनों ने भी भाग लिया।
इकरा एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष अब्दुल करीम सालार और कादरिया फेडरेशन के अध्यक्ष फारुक कादरी ने एक सुर में कहा – “धर्मगुरु किसी भी धर्म के हों, वे समाज की आत्मा होते हैं। उनका अपमान पूरे समाज का अपमान है।”
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख नाम:
पास्टर स्वप्नील नाशिककर, थॉमस पवार, शमुवेल खरात, डायना गायकवाड, अनिल साळवे, पास्टर वळवी, पास्टर प्रसाद वानखडे, पास्टर फ्रांसिस सर और जलगांव जिला पास्टर असोसिएशन के अन्य सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
संदेश साफ है – नफरत की राजनीति को अब समाज में जगह नहीं
इस विरोध के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि भारत का संविधान हर धर्म को बराबरी का अधिकार देता है, और कोई भी जनप्रतिनिधि अगर नफरत फैलाने की कोशिश करेगा तो जनता उसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेगी।

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