जलगाँव, महाराष्ट्र | 15 अप्रैल 2025
जलगाँव में वक्फ कानून 2025 के विरोध में चल रहे आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। जलगाँव औकाफ बचाओ समिति की तीसरी बैठक 14 अप्रैल को मुफ्ती रमीज साहब की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें आगामी सप्ताह भर के लिए विविध जनजागरूकता और विरोध कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई।
सप्ताहभर के आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा:15 अप्रैल 2025
मुआवज़े की माँग: मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में तीन मुस्लिम युवकों की मृत्यु पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवज़ा दिलाने की माँग को लेकर, समिति जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेगी।
कॉर्नर मीटिंग्स: शहर के विभिन्न इलाकों – जोशीपीठ, बागबान मोहल्ला, इस्लामपुरा, कासम वाडी, और सुप्रीम कॉलोनी में रात के समय जागरूकता सभाएँ आयोजित की जाएंगी।
अमलनेर बैठक: शहर से बाहर अमलनेर में एक सभा का आयोजन किया गया है, जहाँ स्थानीय और क्षेत्रीय नेतृत्व संबोधित करेगा।
महिला जागरूकता: महिला वर्ग को वक्फ कानून में हुए बदलावों के बारे में प्रशिक्षित करने हेतु विशेष सत्र आयोजित होंगे।
16 अप्रैल 2025,भुसावल में जन संवाद: नागरिकों के साथ सीधा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
18 अप्रैल 2025 (शुक्रवार) महिला मानव श्रृंखला: शांतिपूर्ण विरोध के तहत महिलाएँ मानव श्रृंखला बनाएंगी।
19 अप्रैल 2025 राजनीतिक-सामाजिक संवाद: एरंडोल में विविध संगठनों के साथ बैठक।
सार्वजनिक सभा (शेरा चौक): देशभर से आए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधि जनता को संबोधित करेंगे।
21 अप्रैल 2025 (सोमवार) भव्य जनसभा: शेरा चौक पर शाम को वक्फ कानून के कानूनी और सामाजिक प्रभावों पर चर्चा की जाएगी।
11 अप्रैल का आंदोलन और उसके बाद की स्थिति ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देश पर 11 अप्रैल को जलगाँव जिला एकता संघटना द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया। शांतिपूर्ण तरीके से की गई इस रैली के दौरान कुछ मार्ग बाधित हुए, जिस पर पुलिस ने फारूक शेख, मौलाना उमैर, मुफ्ती खालिद सहित कई कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया। हालांकि, समिति का स्पष्ट कहना है कि यह विरोध संवैधानिक अधिकारों के तहत किया गया था और पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।
समिति की माँगें और दृष्टिकोण वक्फ कानून 2025 की वापसी: समिति और पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के लिए घातक है।
मुर्शिदाबाद घटना पर न्याय: मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा देने की माँग।
महिलाओं और युवाओं को जागरूक बनाना: विशेष शिविरों और सभाओं के माध्यम से जनभागीदारी बढ़ाना।
संगठनात्मक एकता पर बल: सभी सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों से एकजुटता की अपील।
समिति की अपील
समिति ने विशेष तौर पर समुदाय से अपील की है कि वे “दुकानदारी” जैसे शब्दों का प्रयोग न करें, क्योंकि यह एकजुट प्रयासों को कमज़ोर करता है। अलग-अलग संगठन हो सकते हैं, लेकिन मकसद एक है – वक्फ की हिफाज़त और सरकार पर जनदबाव। सभी से गुज़ारिश की गई है कि मतभेदों से ऊपर उठकर मकसद को प्राथमिकता दें।
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