इकरा सालार नगर, 28 फेब्रुवारी 2025: विज्ञान दिन के अवसर पर इकरा सालार नगर में ‘विज्ञानाचे चमत्कार’ नामक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसने विज्ञान के चमत्कारों और अंधविश्वास के बीच की वास्तविकता को उजागर किया।

इस कार्यक्रम में कुछ ऐसे प्रयोग प्रस्तुत किए गए, जो देखने में किसी जादू या चमत्कार से कम नहीं लगे, लेकिन विज्ञान के सिद्धांतों ने इनका रहस्य स्पष्ट किया। पानी से आग जलाना, बिना माचिस के नारियल में आग लगाना, त्रिशूल जीभ के आरपार करने पर भी चोट न लगना, बिना सहारे लोटा उठाना, चुंबकीय शक्ति से सोने की चेन निकालना, बिना आग के दूध उबालना – ये सभी प्रयोग दर्शकों को हैरान कर रहे थे, लेकिन विज्ञान शिक्षक रियाज शहा सर ने इनके पीछे छिपे वैज्ञानिक कारणों को समझाकर अंधविश्वास की पोल खोल दी।
कैसे होते हैं ये ‘चमत्कार’? जानें विज्ञान के पीछे की सच्चाई
- पानी से आग जलना – इसमें एक विशेष केमिकल मिलाया जाता है, जो ऑक्सीकरण की प्रक्रिया के कारण जल उठता है।
- बिना माचिस के नारियल में आग – नारियल के अंदर प्राकृतिक गैस (मीथेन) बनने की वजह से यह संभव होता है।
- त्रिशूल जीभ के आरपार करने का भ्रम – यह एक एंगल का खेल होता है, जिससे त्रिशूल जीभ के आरपार जाता हुआ प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता।
- बिना आग के दूध उबालना – इसमें कुछ खास रसायन मिलाए जाते हैं, जो ऊष्मा उत्पन्न कर सकते हैं।
- बिना छुए अगरबत्ती घुमाना – हवा के प्रवाह और संतुलन के सिद्धांतों के कारण यह संभव होता है।
- हवा में लोटा उठाना – दाब (प्रेशर) और गुरुत्वाकर्षण बल के संतुलन से यह प्रभाव उत्पन्न किया जाता है।
- 90 किलो वजन सहन करने वाली कागज़ की शीट – सही तरीके से वजन वितरित किया जाए तो हल्का दिखने वाला कागज़ भी भारी वजन झेल सकता है।

विज्ञान बनाम अंधविश्वास – सही ज्ञान ही बचाएगा धोखे से!
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सोच विकसित करने, किसी भी चीज़ को अंधविश्वास की तरह स्वीकार न करने और तर्क के आधार पर चीजों को परखने का संदेश दिया गया। विज्ञान शिक्षक रियाज शहा सर ने बताया कि “जो चीज़ हमें चमत्कार लगती है, वह दरअसल विज्ञान का ही एक चमत्कारी पहलू होती है। बस हमें इसे सही दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है।”
इस कार्यक्रम में शिक्षकों, विद्यार्थियों और विज्ञान प्रेमियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और विज्ञान को करीब से समझने का प्रयास किया। इस आयोजन ने अंधश्रद्धा के खिलाफ जागरूकता फैलाने और विज्ञान को रोचक तरीके से सीखने का अवसर प्रदान किया।
‘विज्ञानाचे चमत्कार’ कार्यक्रम यह साबित करता है कि विज्ञान सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि हमारे चारों ओर व्याप्त है। हमें बस इसे सही तरह से समझने की जरूरत है!

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